कविता |
कामवाल्या पोरीचा वाढलाय तोरा |
विजय दिनकर पाटील |
कविता |
गुड मॉर्निंग |
वंकू कुमार |
कविता |
मेघ ..असाही ( अष्टाक्षरी ) |
दत्ता काळे |
कविता |
पाऊसगाणी |
हरवलेल्या जहाजा... |
कविता |
अंगणात ही स्कुटी अशीच राहु दे - |
विदेश |
कविता |
(तुझ्या बरमुडा चड्डीचे आकर्षण) |
राजेश घासकडवी |
कविता |
माणूस |
विदेश |
कविता |
बहरलेला वृक्ष होतो एकदा मी छानसा |
विदेश |
कविता |
बहरलेली शेंग होते शेवग्याची छानशी |
1234 |
कविता |
कला बघा कलाकारांची* |
पाषाणभेद |
कविता |
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खवचट खान |
कविता |
आजचा सवाल- ''?'' |
अतृप्त आत्मा |
कविता |
थापाच मारणारा - |
विदेश |
कविता |
खास बहाणा (कातीलच्या गज़लेचा भावानुवाद) |
राजेश घासकडवी |
कविता |
युगलगीत: गार गार वारा अंगाला झोंबला |
पाषाणभेद |
कविता |
एक कविता, आणि तिचं भाषांतर |
जयदीप चिपलकट्टी |
कविता |
थोडे मजला कळाया लागले. |
अविनाशकुलकर्णी |
कविता |
तंबाखू |
अतृप्त आत्मा |
कविता |
(भाव(खावू)गीत):फेसबुकमुळे |
पाषाणभेद |
कविता |
निरोप ..!! |
प्रकाश१११ |
कविता |
उत्सव |
सुवर्णमयी |
कविता |
मीही कवि होणार! |
मंदार |
कविता |
मेघमल्हार |
धारा |
कविता |
तुकड्या तुकड्याने ह्या शहरात ..!! |
प्रकाश१११ |
कविता |
बिच्चार्या, उगी उगी |
धनंजय |