कविता |
विडंबन : त्याला पाऊस आवडत नाही , तिला पाऊस आवडतो……. (गारवा) |
तुषार |
कविता |
१४ फरवरी (प्रेम दिन) - दोन क्षणिका |
विवेक पटाईत |
कविता |
सत्तरीचे गणितज्ञ |
धनंजय |
कविता |
समजा प्राइम नंबर केसांसारखे आहेत |
तोतया |
कविता |
इलेक्शनी- चारोळ्या |
विवेक पटाईत |
कविता |
धर्म कसा बुडवावा |
रमताराम |
कविता |
माझी कविता कुणीतरी असावे |
प्रायमा |
कविता |
कुणीतरी सोबत असावं आपल |
प्रायमा |
कविता |
माझी कविता कुणीतरी असावे |
प्रायमा |
कविता |
कविता |
तोतया |
कविता |
खूप छान धुकं होतं तेव्हा आपल्यामध्ये... |
श्वेता |
कविता |
आई |
तुषार जोशी |
कविता |
संवाद |
तोतया |
कविता |
गोंधळ |
तोतया |
कविता |
की जिथे असतील परके तेवढे परिवार झाले... |
इरसाल म्हमईकर |
कविता |
मी हरीच्या पायरीवर पीर आहे रेखिला |
इरसाल म्हमईकर |
कविता |
ओळखा पाहू ? |
विवेक पटाईत |
कविता |
कैच्याकै कविता .... |
इरसाल म्हमईकर |
कविता |
सात .... ! |
इरसाल म्हमईकर |
कविता |
२० वर्षानंतरच्या मला |
वामा१००-वाचनमात... |
कविता |
हिवाळ्यातल्या संध्याकाळी स्नो वितळतांना |
तोतया |
कविता |
'चिरकाळोख' |
अमेय६३७७ |
कविता |
चल बंद मार !! |
असीम |
कविता |
पंचमी |
अजित विश्वनाथ भागवत |
कविता |
"देह्तराणे" |
अमेय६३७७ |