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"अर्थशून्य शेरांचे अर्थ": गालिब व त्याचे भाष्यकार (अनुवादित) |
मिलिंद |
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फ्रिडा काहलो : वेदनेतून बहरलेली चित्रकार |
कनक |
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डॉन ऑफ जस्टीस - नेमकं खटकतंय काय? |
दाह |
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'स्टोलन किसेस' आणि मनातली ठसठस |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
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‘खिडक्या अर्ध्या उघड्या’ --- कथामालिका की चित्रपट? |
चित्रा राजेन्द्... |
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सर आणि मी |
जेडी |
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श्रीविठ्ठलः एक महासमन्वय |
चार्वी |
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मी हिजडा.... मी लक्ष्मी |
जेडी |
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जीएंना आयुष्यभर सलत असलेल्या दोन गोष्टी: ते ना कवी होऊ शकले, ना चित्रकार... |
अनिरुद्ध गोपाळ ... |
समीक्षा |
'काजळमाया' आणि हेन्री डेव्हिड थोरोंचे माझे आयुष्य बदलवणारे वाक्य |
अनिरुद्ध गोपाळ ... |
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धुक्यातून लाल ताऱ्याकडे |
ppkya |
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खाऊजा ची २५ वर्षे आणि पठारेंची स्वगते |
ppkya |
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'डाऊनटन ॲबी' : स्मरणरंजनी कळा |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
समीक्षा |
लख्ख प्रकाश निर्मळ... |
सुश्रुत |
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लस्ट फ़ॉर लालबाग - १९८२ च्या संपाचा इतिहास |
गौरी दाभोळकर |
समीक्षा |
दोन स्पेशल-नक्कीच स्पेशल! |
ppkya |
समीक्षा |
Syriaतले घर थकलेले... संन्यासी |
फूलनामशिरोमणी |
समीक्षा |
मोहोन्जो- दारो: एक हुकलेली संधी (स्पॉयलर अलर्ट: हाय!!!) |
ए ए वाघमारे |
समीक्षा |
पूर्वज-वि. ग. कानेटकर |
ppkya |
समीक्षा |
अडीच हजार गायी चोरणारा अल्वरेज केली |
रवींद्र दत्तात्... |
समीक्षा |
Good Will Hunting |
ppkya |
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बीटल्स बद्दल थोडेफार |
अबापट |
समीक्षा |
(ओम नमः) शिवाय |
तिरशिंगराव |
समीक्षा |
'ऐसी अक्षरे' दिवाळी अंक- २०१६ चे परीक्षण |
बघ्या |
समीक्षा |
सलोना सा सजन है और मै हू - एक सर्वोत्तम गझल! |
शान्तिप्रिय |