कविता |
२०१४ चा आशावादी आढावा !! |
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निमिष सोनार |
कविता |
नावरहीत कविता |
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अवंती |
कविता |
बेयेशियन |
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बॅटमॅन |
कविता |
तब तुम कहॉं थे? |
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नगरीनिरंजन |
कविता |
बहरलेली शेंग होते शेवग्याची छानशी |
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1234 |
कविता |
मी सुद्धा तसा संतप्तच! |
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मिलिन्द |
कविता |
रिकाम्या अपार्टमेंटमधलं मांजर - विस्लावा झिम्बोर्स्का |
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चिंतातुर जंतू |
कविता |
जेव्हा माझ्या कर्जांना (एका बँकरचे गार्हाणे) - विडंबन |
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जोशीबुवा |
कविता |
की... |
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कविता महाजन |
कविता |
मांजर-कुत्र्यांच्या/गप्पा शिळोप्याच्या |
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मिलिन्द |
कविता |
"अमेरिकन पार्टी मध्ये भारतीय बाला" |
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मिलिन्द |
कविता |
चेहऱ्यामागचं रूदन |
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अवंती |
कविता |
रात्र - फसवी रात्र आणि कळंबोली नाका |
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मिलिन्द |
कविता |
तुझ्याशिवाय... |
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निलम बुचडे |
कविता |
दत्त दत्त |
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कविता महाजन |
कविता |
..आयुष्याला मी सौख्याचा बाजार म्हणालो.. |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
आम्ही पुरुष माणसे |
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रुपाली जगदाळे |
कविता |
..... |
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अनंत ढवळे |
कविता |
..तुला पाहण्याचा मला छंद राणी.. |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस - प्रवास ३ |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
बिगारी |
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पाषाणभेद |
कविता |
शब्द |
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पाषाणभेद |
कविता |
सिद्धोबा |
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विसुनाना |
कविता |
एक आहे भुत्याबाबा |
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ग्लोरी |
कविता |
पंजा माझा |
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चायवाला |
कविता |
'व्यवस्थापनाचा/मोठा सल्लागार" |
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मिलिन्द |
कविता |
अनावृत काफिऱ |
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अर्धविराम |
कविता |
खरे सत्य बोला |
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मिलिन्द |
कविता |
प्रोडक्ट |
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अर्धविराम |
कविता |
पाऊसगाणी |
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हरवलेल्या जहाजा... |
कविता |
कवितास्पर्धेचा निकाल |
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जयदीप चिपलकट्टी |
कविता |
"आजचा भारत" अर्थात "रावल्या अखेर विमानात चढला त्याची गोष्ट" |
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मिलिन्द |
कविता |
संवत्सर |
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अजित विश्वनाथ भागवत |
कविता |
मेघ ..असाही ( अष्टाक्षरी ) |
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दत्ता काळे |
कविता |
मिठीत कळी उमलली |
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पाषाणभेद |
कविता |
कामवाल्या पोरीचा वाढलाय तोरा |
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विजय दिनकर पाटील |
कविता |
"जेसन आणि बेडूक" |
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मिलिन्द |
कविता |
तेरे नाम का दौर व अन्य कविता |
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सहेली तिज्जन |
कविता |
अखेरचे मागणे |
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चौकस |
कविता |
..वॉन्टेड.. |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
गुड मॉर्निंग |
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वंकू कुमार |
कविता |
दयेच्या छावण्या |
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शिवकन्या |
कविता |
मी शब्दांचा जादूगार... |
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चांदणेसंदीप |
कविता |
दोन क्षणचित्रे- |
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अजित विश्वनाथ भागवत |
कविता |
पिढ्या #शॉट |
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अस्वल |
कविता |
सद्यस्थिति? |
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मिलिन्द |
कविता |
शापीत स्वप्ने |
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पूर्ण विजार |
कविता |
अंगणात ही स्कुटी अशीच राहु दे - |
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विदेश |
कविता |
मिठी दिठीची गाथा. |
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स्मिता जोगळेकर |
कविता |
मांगल्याचे औक्षण करूनी |
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प्राजु |