आईनस्टाईनबाबांचा (आईबाबांचा) स्थिरांक
फ्रान्स नावाचा एक देश होता. तिथे बरेच शास्त्रज्ञ राहायचे/आले. त्यातला एक एके दिवशी एक दगड घेऊन आला नि म्हणाला कि आजपासून याच्या वस्तुमानाला एक किलो म्हणायचे. http://en.wikipedia.org/wiki/Kilogram दुसरा एक छडी घेऊन आला नि म्हणाला कि आजपासून हिच्या लांबीला एक मीटर म्हणायचे. http://en.wikipedia.org/wiki/Metre तिसरा एका द्रव्याचे एक आयसोटोप घेऊन आला नि म्हणाला कि आजपासून या या दोन उर्जास्थितींतून स्थांनांतर करताना याच्यातून एक हजार तरंगलांब्या निघायला जितका वेळ लागतो तो एक सेकंद मानायचे. http://en.wikipedia.org/wiki/Second
मग अजून एक शास्त्रज्ञ आला. तो म्हणाला एका सेकंदाला एक मीटर प्रति सेंकद असा वेग बदलत एका सेकंदात एक किलो वस्तुमान एक मीटर हलवायला जी उर्जा लागते तिला आजपासून एक ज्यूल म्हणायचे.
1 Joule = 1 Kg (1 m/1s)^2
http://en.wikipedia.org/wiki/Joule
आता हे सगळं, म्हणजे एक किलो केवढा, एक सेकंद केवढा, एक मीटर केवढा हे आईबाबांच्या जन्माच्या फार फार पूर्वी ठरलं. कदाचित त्यांच्याही आईबाबांच्या जन्मापूर्वी.
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कालांतराने एका शास्त्रज्ञाने प्रकाशाचा वेग मोजला. त्याला सी हे आद्याक्षर दिले. सी = ३*१०^८ मीटर /सेकंद निघाली. म्हणजे सेकंदाला ३० हजार किमी. http://en.wikipedia.org/wiki/Speed_of_light
C= 3*10^8
मग आईबाबांनी एक फार मोठा शोध लावला. m वस्तूमान उर्जेत रुंपातरित केले तर mC^2 इतकी उर्जा बनते.
E=mC^2
एक किलो वस्तुमान असल्यास E= 1*(3*10^8)^2 = 9*10^16 Joules
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आता फ्रान्समधल्या शास्त्रज्ञांनी जी एकके निवडली ती रँडम होती. म्हणजे आपले पूर्वज वर्षाचे १२ ऐवजी १० महिने, नि आठवडा ७ ऐवजी ५ दिवसांचा करू शकले असते तसे. काहीतरी एक निवडायचे म्हणून त्यांनी १ किलो, १ मीटर नि १ सेकंद ची निवड केली.
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पण समजा खालिलप्रमाणे झाले असते तर?
त्या वस्तूमानवाल्या शास्त्रज्ञाने १ किलोग्राम ऐवजी ३ किलोग्रामचा ठोकळा आणला असता नि त्याला एक लिलोग्राम म्हणले असते, तसेच लांबीवाल्या शास्त्रज्ञाने १ मीटर ऐवजी ५ मीटरची छडी आणली असती नि तिला १ नीटर म्हणले असते, शास्त्रज्ञाने हजार ऐवजी सात हजार तरंगलांब्या निवडल्या असत्या नि ७ सेकंदांना नि त्या काळाला १ टेकंद म्हटले असते.
1Lg = 3 Kg
1 n = 5m
1 t = 7 s
शिवाय एक ज्यूल प्रमाणे एक क्यूल.
1K = 1 Lg * (1n/1t)^2 = 3Kg*(5m/7s)^2= 75/49 J
पण असे केल्याने निसर्गाचे नियम थोडीच बदलणार आहेत?
आता प्रकाशाची गती, समजा लोकांनी तिला सी ऐवजी डी अक्षर दिले, काय असेल?
D=C=3*10^8 m/s = 3*10^8*(1/5n)/(1/7t) = 21/5*10^8 n/t
आईबाबांचे समीकरण कसे दिसेल? समजा त्यांनी उर्जेला एफ सिंबल वापरले. वस्तुमानासाठी एन.
सध्याचे समीकरण
E (in Joules) = m (in kg)* C^2 (in m/s)
म्हणजे E (in koules)*49/75 = F (in Koules)*49/75 = 1/3Lg* (21/5*10^8)^2 (n/t)^2
F=75/49*1/3*D^2 = 75/147nD^2
F=75/147*nD^2
पण समीकरण तर F=nD^2 सारखे दिसत नाहीय. यात तर स्थिरांक दिसतोय.
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आता तुम्ही म्हणाल, अरुण काहीतरी घोळ करतोय. F=ma मधे तरी कुठे स्थिरांक असतो? पण लेको (सॉरी, लोकहो) m आणि a हे 'त्याच' वस्तुचे वस्तुमान नि त्वरण असतात. इथे आईबाबांच्या समीकरणात 'इतर (प्रकाश) वस्तुचा गुणधर्म' वापरला आहे.
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आईबांबाच्या समीकरणात स्थिरांक नसणे वा अध्याहृत 'एक' असणे हा प्रचंड मोठा योगायोग आहे. मीटर वा सेकंड यापैकी काहीही जर लहानमोठे असते तर, प्रकाशाची गती त्या एककात असूनही, इथे अजून एक गुणक राहिला असता. पण अलिकडे योगायोग स्वीकारण्याची वृत्ती वाढली आहे म्हणून चिंता नसावी.
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विशेष सुचना - ज्यांना एककांमधलं काही कळत नाही त्यांनी आईबाबांच्या प्रेमापोटी चित्रविचित्र कमेंट देऊ नयेत.
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जे वाचक लेखांचे प्रतिसाद वाचत नाहीत त्यांचेसाठी- सबब लेखात मांडलेला आशय चुकीचा आहे.लेखाच्या अनुषंगाने झालेल्या चर्चेत तसे आढळले आहे.
धाग्याचा प्रकार निवडा:
माहितीमधल्या टर्म्स
कालांतराने एका शास्त्रज्ञाने
कालांतराने एका शास्त्रज्ञाने प्रकाशाचा वेग मोजला. त्याला सी हे आद्याक्षर दिले. सी = ३*१०^८ मीटर /सेकंद निघाली. म्हणजे सेकंदाला ३० हजार किमी. http://en.wikipedia.org/wiki/Speed_of_light>> अय्ययो ३ लाख किमी च ३० हजार का केलं?
मी म्हणतो की अरुण काहीतरी घोळ करतोय :)
काहितरी गडबड होतेय तुमची. जोपर्यंत सगळ्या भौतिक राशी या सुसंगत एककांत असतात तोपर्यंत सगळ्या समिकरणांनी एकच उत्तर द्यायला पाहिजे.
1Lg = 3 Kg or 1Kg = 1/3 Lg
1 n = 5 m or 1m = 1/5 n
1 t = 7 s or 1 s = 1/7 t
1 K = 75/49 J or 1 J = 49/75 K (49/75 is not unitless, it has units of Joules/Koules)
start with original equation
E (J ) = m (Kg) * c^2 (m^2/s^2)
E (J ) = (1/3)m (Lg) * c^2 * (1/5)^n^2/(1/7)^t^2
E (J ) = 49/75 * m (Lg) * c^2(n^2/t^2)
Now, E (J ) = 49/75 * E (K)
Therefroe
49/75 * E (K) = 49/75 * m (Lg)*c^2(n^2/t^2)
multiplying both sides by 75/49, we get
E (K) = m (Lg) * c^2(n^2/t^2)
Q.E.D.
If you want to use actual values, lets consider 1 unit mass. Also, c = 3 * 10^8 m/s and d = 21/5 * 10^8 n/t
In S.I units,
E1 = 1 * (3 * 10^8)^2 = 9 * 10^16 Joules
in Arun units
E2 = 1 * (21/5 * 10^8)^2 = 441/25 * 10^16 Koules
Taking ratio of E1 and E2
E1 / E2 = 9 Joules / (441/25) Koules = 225 Joules /441 Koules
simplifying
E1 / E2 = 25 Joules / 49 Koules ( Note that this ratio is not unitless)
Now, we know that
1 Joules = 49/75 Koules
Therefore
E1 / E2 = 25 * (49/75 Koules) / 49 Koules
E1 / E2 = 1/3. This ratio is unitless.
As E1 correspons to the energy equivlent of 1 Kg mass and E2 corresponds to the energy equivlent of 1 Lg mass, which is equal to 3 Kg mass and as energy is linearly proportional to the mass, this is the expected ratio.
तुमची गडबड कुठे झाली आहे ते शोधून काढा, नाही सापडली तर उद्या सांगतो.
या ठिकाणी E = m * c^2 चे एक
या ठिकाणी E = m * c^2 चे एक डेरिव्हेशन आहे. यात कुठेही युनिट्स येत नाहीत.
http://www.adamauton.com/warp/emc2.html
माझे म्हणणे इतकेच आहे कि एकके बदलली कि Z=x*Y^2 असा सुंदर लूक राहत नाही.
हे वाक्य सिद्ध करायचे असेल तर वर दिलेले डेरिव्हेशन हे युनिट डिपेन्डन्ट आहे हे सिद्ध करून दाखवा.
अजून एक
इथे आईबाबांच्या समीकरणात 'इतर (प्रकाश) वस्तुचा गुणधर्म' वापरला आहे.
हे वाक्य चुकिचे आहे. 'c' is a universal physical constant. It's the property of our universe, not the property of light. It is the cosmic speed limit. As photons are massless, they always travel at 'c'.
ठिक आहे. मग सेंकद ७ पट, मीटर
ठिक आहे. मग सेंकद ७ पट, मीटर ५ पट असे असते तर हा सी =३*१०^८*७/५=२१/५*१०^८ असा असता. मग मास १ किलोच असते, तर E=1*(21/5*10^8)^2 Joules असा थोडीच असता? एक किलो मासची १*(३*१०^८)^२ अशीच उर्जा झाली असती. म्हणजे सेंकद ७ पट, मीटर ५ पट असे असते तर समीकरण E=mC^2 इतके साधे दिसले नसते.
तुम्ही युनिट्सची गल्लत करता
तुम्ही युनिट्सची गल्लत करता आहात.
मग सेंकद ७ पट, मीटर ५ पट असे असते तर हा सी =३*१०^८*७/५=२१/५*१०^८ असा असता
हे वाक्य बरोबर आहे. पण जर तुम्ही c = 21/5 * 10^8 वापरणार असाल तर E = m*c^2 मध्ये m पण अरुण युनिट्स मध्ये पाहिजे. जर मास एक किलो असेल तर E=1*(21/5*10^8)^2 Joules चुकिचे आहे कारण यात m S.I युनिट्स मध्ये आहे आणी c अरुण युनिट्स मध्ये. जर एक किलो मास असेल तर खालील दोन समीकरणे बरोबर आहेत.
E(J ) = m * (3 * 10^8)^2 Joules = m * 9 * 10^16 Joules (everything in S.I units)
or
E(K) = m/3 * (21/5 * 10^8)^ Koules = m * 441/75 * 10^16 Koules (everything in Arun units)
म्हणजे परग्रहावरच्या अजून एका
म्हणजे परग्रहावरच्या अजून एका बुद्धिमान स्पेसिसने मी दिलेली एकके वापरून हाच शोध लावला असता तर F=nD^2 असा असता तर??? अहो पण तेव्हा त्यांच्या किंवा आमच्या पैकी एका आईबाबाला माघार घ्यावी लागली असती. कारण मी दिलेल्या १ किलोची आईबाबा-अर्थ वेगळी उर्जा बनतोय नि आईबाबा-परग्रह वेगळी!!! हे कसे शक्य आहे.
सारखीच उर्जा बनतेय. तुम्ही
सारखीच उर्जा बनतेय. तुम्ही "physical quantity" आणी "representation of the physical quantity" या दोन गोष्टींमध्ये गल्लत करताय. आपण वरचे उदाहरण परत एकदा बघू. मी यावेळेला प्रत्येक पायरीला आकडा देतोय. तुम्हाला जी चुकीची वाटतेय ती सांगा. संदर्भ पकडून पुढे बोलायला ते सोयीचे ठरेल.
(1).......... 1Lg = 3 Kg or 1Kg = 1/3 Lg
(2) .......... 1 n = 5 m or 1m = 1/5 n
(3).......... 1 t = 7 s or 1 s = 1/7 t
(4) .......... 1 K = 75/49 J or 1 J = 49/75 K (49/75 is not unitless, it has units of Joules/Koules)
(5) .......... Speed of light in Arun units (D) = 21/5 * 10^8 n/t
(6) .......... Speed of light in SI units (C) = 3 * 10^8 m/s
consider 1 Kg mass which is equal to 1/3 Lg mass. The energy equivalent is as follows
In SI units
(7).......... E = m*C^2
(8 ) .......... E = 1*(3*10^8)^2
(9) .......... E = 9 *10^16 Joules
In Arun units
(10) .......... F = nD^2
(11) .......... F = 1/3 * (21/5 * 10^8)^2
(12) .......... F = 441/75 * 10^16 Koules
The numerical values of E and F are different as they were calculated using different units but the underlying physical quantity is same. This can be shown as follows
lets convert the value in Koules (eq 12) to value in Joules using previously derived relation of 1 K = 75/49 J (eq 4)
therefore
(13) .......... F = 441/75 * 10^16 * 75/49 Joules
(14) .......... F = 9 * 10^16 Joules
which is same as E
A parallel example is mass of an object. I can say a stone weighs 10 Kgs or I can say it weighs 22 pounds. the mass is exactly same in both cases even though one number is 2.2 times bigger than other. The numbers are not pure numbers, they have a unit attached to them and that's what makes all the difference.
!
तसे नव्हे! फक्त किलोग्रॅम नसता आणि केवळ ग्रॅमच असता, तर ऊर्जेच्या एककही ग्रॅम*(मी/से)^२ बनले असते आणि सूत्र तेच आले असते. अपरिमेय तेच सांगत आहेत, जे काही एकक बदलत आहात ते दोन्ही बाजूंना बदला.
मूळ लेखात तुम्ही दिलेल्या उदाहरणात तुम्ही ऊर्जा नवीन एककात आणता, पण प्रकाशाचा वेग जुन्या एककांतलाच वापरता. दोन्ही बाजू एककांवर समान प्रकारे अवलंबून आहेत, त्यामुळे जर एकक बदलले तर दोन्ही बाजूंना समान फरक पडून मूळ समीकरण तेच राहील.
in Arun units E2 = 1 * (21/5
in Arun units
E2 = 1 * (21/5 * 10^8)^2 = 441/25 * 10^16 Koules
असं म्हणत आहेत ते. हे आत्ताच्या शोधाशी इनकसिस्टंट आहे.
E=m*C^2 नि F=n*D^2 हे दोन्ही खरे असतील तर एक किलो वस्तुमानाची दोन्हीनी किती उर्जा बनते ते काढा ज्यूल्स मधे फायनली. ती वेगवेगळी निघेल. असं कुठं होतं का? निसर्गाचा नियम तोच असणार नै का?
Any physically meaningful
Any physically meaningful equation (and any inequality and inequation) must have the same dimensions on the left and right sides. यामुळे जर युनिट्स बदलली तरीही नवीन नातं तयार होत नाही. डायमेन्शनल अनालिसिस हे एक तंत्र याच तत्वाचा अभ्यास करण्यासाठी विकसित झालेलं आहे.
मात्र हे मल्टिप्लिकेटिव्ह कॉंस्टंट्स १ आहेत यात योगायोग नाही. आता F = ma हे समीकरण घेऊ. वस्तुमानाचं एकक किलोग्राम, लांबीचं एकक मीटर आणि काळाचं एकक सेकंद घेतलं की त्वरणाचं एकक मीटर/सेकंद^२ येतं. आता डावीकडे जी राशी आहे ती बल (फोर्स). या बलासाठी एकक आहे न्यूटन. ऩ्यूटन या एककाची व्याख्याच किलोग्राम गुणिले मीटर भागिले सेकंद^२ अशी केलेली आहे. या व्याख्येमुळे कुठचाच नकोसा कॉंस्टंट समीकरणांत येेत नाही. कारण बलाची ही व्याख्याच आहे. वेगाची व्याख्या अंतर भागिले काळ अशी आहे, त्यामुळे वेगाचं एकक हे १ युनिट अंतर भागिले १ युनिट काळ अशीच आहे.
सीजीएस आणि एमकेएस या दोन मोजमापांच्या पद्धती आहेत. त्यांमध्ये प्रत्येक राशींची युनिटं बदलली तरी समीकरणं तीच राहतात.
If m mass is converted,
If m mass is converted, energy is given as
energy = m in kg * C^2 in (m/s)^2 in Joules
or energy = 49/75* m in kg * C^2 in (m/s)^2 in Koules (Using Joules and Koules conversion factor.)
for a specific case of m=1 Kg
energy = 49/75*1*9*10^16 Koules=147/25 *10^16 Koules.
Now if F=nD^2 was the equation, F being energy in Koules,
In the specific case of mass of 1 kg, i.e. n=1/3 Lg
F = 1/3* (21/5*10^8)^2 = 441/75 *10^16 Koules=147/25 *10^16 Koules.
सध्याला तरी अपरिमेय म्हणतोय तेच सिद्ध होत आहे. बहुतेक मला लेखातील विचार मागे घ्यावा लागेल असे दिसतेय. काही वेळाने मी तो घेईनच.
आत्याबाईच्या मिशा
कोणा पुरातन महाभागाने हे शब्द पाडले त्याने वडिलांच्या बहिणीला 'काका' म्हणायचे आणि भावाला 'आत्या' म्हणायचे अशी रूढि पाडली असती तर आपली प्रसिद्ध म्हण 'आत्याबाईला मिशा असत्या तर तिला काका म्हटले असते' हिचे रूपान्तर 'काकाबाईला मिशा असत्या तर तिला आत्या म्हटले असते' असे झाले असते. तरीहि 'आत्या' आणि 'काका' ह्या दोन व्यक्तींपैकी 'मिशावाला तो पुरुष आणि बिनमिशांची ती बाई' हे सत्य बदलले नसते, ते अबाधितच राहिले असते.
एककांच्या मूलभूत व्याख्या
अपरिमेयच्या प्रतिसादांशी सहमती. तो जे गणितं मांडून लिहीतो आहे ते थोडक्यात सांगायचं तर -
वस्तूमान, अंतर आणि वेळ ही मूलभूत एककं आहेत. यांच्या व्याख्या इतर कोणत्याही राशींवर अवलंबून नाहीत. पण ऊर्जेचं तसं नाही. ऊर्जा या राशीचं एकक इतर एककांवर - वस्तूमान, अंतर आणि वेळ - अवलंबून आहे. वस्तुमानाच्या समानुपाती, अंतराच्या वेगाच्या वर्गावर आणि काळाच्या एककाच्या वर्गाच्या व्यस्त प्रमाणात. या तिन्हीपैकी एकाचं एककाची व्याख्या बदलली तरी एक एकक ऊर्जा किती हे बदलणार. त्यामुळे जोपर्यंत एककांच्या मूलभूत व्याख्यांना धक्का लागत नाही तोपर्यंत E=mc2 अबाधित राहणार.
If we change 1 Lg= 11 Kg 1
If we change 1 Lg= 11 Kg
1 Koule = 11*25/49 Joules
D = 21/5 *10^8 n/t
For a specific case of 1 kg,
energy = m in kg * C^2 in (m/s)^2 in Joules
or energy = 49/11/25* m in kg * C^2 in (m/s)^2 in Koules (Using Joules and Koules conversion factor.)
for a specific case of m=1 Kg
energy = 49/11/25*1*9*10^16 Koules
energy = (49*9)/(11*25)*10^16 Koules
Now if F=nD^2 was the equation, F being energy in Koules,
In the specific case of mass of 1 kg, i.e. n=1/11 Lg
F = 1/11* (21/5*10^8)^2 Koules
=(21*21)/(11*25)*10^16 Koules
=(49*9)/(11*25)*10^16 Koules
Aprimeya is decisively right. The opinion in the article stands withdrawn.
I just replaced 3 in mass equivalence with 11 to avoid its coincidental cancellation with 3 in speed of light as some extreme case.
Now there is a background as to why I am so skeptical about this particular constant in this equation when I am so comfortable with so many physical constants in so many other equations in physics. I will come back with the exact thoughts in my mind when I find words to express my confusion.
या प्रतिसादाबद्द्ल
या प्रतिसादाबद्द्ल धन्यवाद.
Now there is a background as to why I am so skeptical about this particular constant in this equation when I am so comfortable with so many physical constants in so many other equations in physics. I will come back with the exact thoughts in my mind when I find words to express my confusion.
हे नक्की लिहा. कुतुहल आहे.
मिसळपाववर कोणीतरी ही लिंक
मिसळपाववर कोणीतरी ही लिंक आत्ताच दिली आहे. http://boards.straightdope.com/sdmb/archive/index.php/t-15507.html
त्यात सुरुवातीलाच बोरीस बी नावाच्या व्यक्तिने खालिल विधान केले आहे.
I hope I'm making sense here. It's just weird that, of all the weird unit conversions I had to memorize, there wasn't one for Einstein's central equation. And I know mass-energy conversion is an intense concept in and of itself;
it's just double weird if it somehow knits together independently-derived units.
मंजे एकतर आईबाबांचा वस्तुमान -उर्जा आंतरसंबंध ही संकल्पनाच एक तोप गोष्ट आहे. त्यावर जाऊन हे दुप्पट विचित्र वाटतेय कि ती स्वतंत्ररित्या डिराइव केलेल्या एककांच्या सिस्टिममधे फिट्ट बसली आहे.
ज्या कारणाने 'याच' समीकरणाबद्दल असे वाटले, तेच कारण माझ्याही विचारांबद्दल असू शकते. Still not able to make out why I have singled out only this equation.
'एकक'ल्ली
जाणकार खुलासा करतीलच.
पण ही सूचना किंचित 'एकक'ल्ली वाटली ;)