विशेष |
‘लेट कॅपिटलिझम’मधला सिनेमा - उलरिक जायडल |
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चिंतातुर जंतू |
समीक्षा |
‘व्हॉय वी ट्रीट एनीमल्स लाइक एनीमल्स’-रैक्स हैरिसन |
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रवींद्र दत्तात्... |
विकीपानांसाठी |
‘सुंदर मठ’ रामदास पठार - शिवकालीन शिवथर प्रांत |
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kadamahesh |
समीक्षा |
‘स्वत:ला फालतू समजण्याची गोष्ट’..... |
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चित्रा राजेन्द्... |
समीक्षा |
‘हार्ड लेबर’ – आधुनिक जगण्याचा भयपट |
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चिंतातुर जंतू |
चर्चाविषय |
’अङ्कानां वामतो गति:’ इत्यादि. |
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अरविंद कोल्हटकर |
समीक्षा |
’असलेपणा’तला बोर्हेस! |
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मणिकर्णिका |
ललित |
’पॉप्युलर बुक हाऊस’ बंद होण्याच्या निमित्ताने |
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रमताराम |
समीक्षा |
’मी...ग़ालिब' ला भेटताना... |
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रमताराम |
छोट्यांसाठी |
’मु-की’ लिपी |
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राधिका |
चर्चाविषय |
’लोक माझे सांगाती’ कोणी वाचले आहे का? काय लायकीचे पुस्तक आहे? |
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मिलिन्द् पद्की |
विशेष |
’विभक्ती’चे प्रत्यय आणि सापेक्ष सुरक्षिततेचे सिद्धान्त |
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रुची |
कविता |
“Song of the Immigrant Indian” |
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मिलिन्द् पद्की |
समीक्षा |
“अंतर्यामी खजुराहो”ची मालिका येऊ दे… |
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युसुफ शेख |
कविता |
“उभारू आपण गुढी!” |
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उल्का |
ललित |
“कसाई” |
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Milind Rane |
विशेषांक |
“कामगारांचं हित कामगार चळवळीने पाहिलं नाही.” - राजीव सानेंची मुलाखत |
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प्रकाश घाटपांडे |
ललित |
“कुणीच नाही.” |
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Abhishek_Ramesh_Raut |
ललित |
“द नंबर यू हॅव डायल्ड डझ नॉट एक्सिस्ट.” |
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प्रभुदेसाई |
विशेषांक |
“दु:खाचा पाऊस जेव्हा घनघोर बरसला होता" |
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मिलिंद |
ललित |
….ब्रह्मराक्षस |
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काऊ |
चर्चाविषय |
……… खतरेमे है (?) (संपादित) |
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उडन खटोला |
कलादालन |
निर्गुणी भजने (भाग २.२) - सुनता है गुरु ग्यानी |
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Anand More |
मौजमजा |
निर्गुणी भजने (भाग २.७) सुनता है गुरु ग्यानी - समाप्त |
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Anand More |
मौजमजा |
मी उत्सवला जातो - (भाग १) |
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Anand More |
मौजमजा |
सुटलेल्या पोटाची कहाणी (भाग १) |
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Anand More |
मौजमजा |
मी उत्सवला जातो - (भाग ४) |
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Anand More |
समीक्षा |
⭐️⭐️वारसा प्रेमाचा - आजोबा-नातवाचं हृद्य नातं! ⭐️⭐️ |
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चित्रा राजेन्द्... |