काव्य
प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | शेवटचा प्रतिसाद |
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कविता | शुभंकरोति | तिरशिंगराव | 4 | रविवार, 07/10/2012 - 19:38 |
कविता | सराईत | अर्धवट | 4 | गुरुवार, 06/11/2014 - 09:56 |
कविता | कत्तें चढ गये - नज्म हुसैन सईद | अनंत ढवळे | 4 | शुक्रवार, 23/08/2013 - 09:24 |
कविता | ..तुला पाहण्याचा मला छंद राणी.. | कानडाऊ योगेशु | 4 | रविवार, 08/05/2016 - 18:53 |
कविता | लोकल | १४टॅन | 4 | गुरुवार, 20/04/2017 - 23:32 |
कविता | स्वप्निल पाखरं... | सुमित | 4 | रविवार, 04/11/2018 - 09:12 |
कविता | आज.उद्या.रोज. | anant_yaatree | 4 | सोमवार, 28/10/2019 - 22:54 |
कविता | दिवस माझे हे फुगायचे .. (विडंबन) | विदेश | 4 | सोमवार, 30/09/2013 - 09:28 |
कविता | तुझी भिरभिरणारी नजर... | सोनालीका | 4 | गुरुवार, 06/11/2014 - 18:04 |
कविता | "विजय असो , विजय असो !" | मिलिन्द | 4 | गुरुवार, 19/05/2016 - 21:35 |
कविता | जेव्हा माझ्या कर्जांना (एका बँकरचे गार्हाणे) - विडंबन | जोशीबुवा | 4 | बुधवार, 25/05/2016 - 12:30 |
कविता | पुरुषाच्या_कविता | शिवकन्या | 4 | बुधवार, 16/05/2018 - 09:36 |
कविता | शब्द | anant_yaatree | 4 | गुरुवार, 05/09/2019 - 13:48 |
कविता | आता सारंच कसं मृगजळापरी दुर्लभ... | सुमित | 4 | शुक्रवार, 17/01/2014 - 16:56 |
कविता | विरहणी आणि वीज | विवेक पटाईत | 4 | रविवार, 24/05/2015 - 16:57 |
कविता | वात्रटिका - झिंगाट प्रेम | विवेक पटाईत | 4 | गुरुवार, 02/06/2016 - 13:32 |
कविता | तुरे | रुची | 4 | रविवार, 17/08/2014 - 21:12 |
कविता | हायकू - | विदेश | 4 | मंगळवार, 13/08/2013 - 14:52 |
कविता | शतकामृत २ | असीम | 4 | रविवार, 02/08/2020 - 22:24 |
कविता | पंचमी | अजित विश्वनाथ भागवत | 4 | गुरुवार, 11/12/2014 - 20:14 |
कविता | ठिपके | anant_yaatree | 4 | बुधवार, 31/03/2021 - 14:53 |
कविता | माझी कविता कुणीतरी असावे | प्रायमा | 4 | रविवार, 25/01/2015 - 18:14 |
कविता | हिरवं झालं रानं | पाषाणभेद | 4 | सोमवार, 20/03/2017 - 16:32 |
कविता | "झिझेक-ग्रस्त बदकाची कैफियत" | मिलिन्द | 4 | गुरुवार, 19/05/2016 - 01:42 |
कविता | शब्द | राहुल अहिरे | 5 | शुक्रवार, 27/12/2013 - 16:46 |