कविता |
काय करावे या किड्याला ? |
अतृप्त आत्मा |
कविता |
विश्वासघात करतो माणूस ना मुळी तो ! |
विदेश |
कविता |
पांडूरंग माझा गरीब राहू द्या |
पाषाणभेद |
कविता |
सर आले दुरुनी (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
कोंबडी म्हणाली कोंबड्याला (चार चारोळ्या) |
विदेश |
कविता |
लष्करी हुकूम अर्थात आर्मी कमांड्स |
पाषाणभेद |
कविता |
नको रे दिवा |
पाषाणभेद |
कविता |
गझल |
मनीषा |
कविता |
म्हाळसादेवी म्हाळसाकोर्याची |
पाषाणभेद |
कविता |
कळीकाळानं असला कसला मौका साधला |
पाषाणभेद |
कविता |
तोच थंडगार भात |
विदेश |
कविता |
युगलगीत: बासूंदी गोड गोड |
पाषाणभेद |
कविता |
(प्रेमी)युगुलगीत: तुझी माझी प्रित जमली |
पाषाणभेद |
कविता |
दत्त दत्त बोलत गेलो |
पाषाणभेद |
कविता |
चालू नको अशी तू |
पाषाणभेद |
कविता |
पाश |
चातक |
कविता |
तीन विरंगुळ्या |
विदेश |
कविता |
इवल्या इवल्या बाळाचे |
विदेश |
कविता |
ओलीताचं अंकुर कोरडवाहूत फुलेल का? |
आशिष |
कविता |
सांग माझी दारू काय वाईट आहे??? |
आशिष |
कविता |
तो आणि ती |
सोकाजीरावत्रिलोकेकर |
कविता |
ते कोरडं पान... |
धारा |
कविता |
(काय साला त्रास आहे!) |
मंदार |
कविता |
झाडाझडती |
उत्पल |
कविता |
झाड |
पाषाणभेद |