काव्य
प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | शेवटचा प्रतिसाद |
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कविता | निरर्थक | कप्रघा | 4 | शनिवार, 31/08/2019 - 21:33 |
कविता | वाया गेलेल्याची कविता | कप्रघा | 9 | गुरुवार, 29/08/2019 - 21:11 |
कविता | कवी विरुद्ध कविता | करकोचा | 7 | बुधवार, 05/12/2012 - 11:30 |
कविता | 'मनी'चे श्लोक | कलंदर बिलंदर | सोमवार, 27/01/2020 - 09:59 | |
कविता | तर अखेरीस | कविता महाजन | 8 | शनिवार, 25/05/2013 - 18:42 |
कविता | किंवा असंही असेल | कविता महाजन | 8 | रविवार, 21/07/2013 - 22:54 |
कविता | कापूसकोंड्याला गोष्ट | कविता महाजन | 13 | सोमवार, 25/08/2014 - 18:49 |
कविता | हाक | कविता महाजन | 2 | मंगळवार, 18/02/2014 - 23:28 |
कविता | एका जगात... | कविता महाजन | 8 | रविवार, 29/09/2013 - 16:45 |
कविता | तुझे प्रेम एक वनस्पती आहे | कविता महाजन | 52 | गुरुवार, 05/09/2013 - 08:16 |
कविता | की... | कविता महाजन | 6 | मंगळवार, 27/10/2015 - 13:58 |
कविता | दत्त दत्त | कविता महाजन | 10 | शुक्रवार, 17/05/2013 - 13:23 |
कविता | अशांत.. | कष्टकरी | सोमवार, 30/10/2017 - 16:31 | |
कविता | निर्बंध... | कष्टकरी | 1 | गुरुवार, 09/11/2017 - 21:13 |
कविता | मन | कांचन दिलीप सापटणेकर | 2 | शनिवार, 23/11/2019 - 10:21 |
कविता | मागणं | कांचन दिलीप सापटणेकर | 19 | मंगळवार, 26/11/2019 - 19:56 |
कविता | घर | कांचन दिलीप सापटणेकर | 19 | बुधवार, 27/11/2019 - 11:14 |
कविता | नको उदास बसू | कांचन दिलीप सापटणेकर | 5 | शुक्रवार, 29/11/2019 - 09:04 |
कविता | जिप्सी | कांचन दिलीप सापटणेकर | 3 | रविवार, 03/11/2019 - 21:32 |
कविता | लेखाजोखा | कांचन दिलीप सापटणेकर | रविवार, 10/11/2019 - 09:38 | |
कविता | चाॅकलेटं | कांचन दिलीप सापटणेकर | 4 | सोमवार, 18/11/2019 - 13:50 |
कविता | तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस...! | कानडाऊ योगेशु | 10 | बुधवार, 27/04/2016 - 16:47 |
कविता | ..तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस..प्रवास ४ | कानडाऊ योगेशु | 6 | बुधवार, 11/05/2016 - 18:28 |
कविता | ..मला मात्र पत्नी गोरी हवी.. | कानडाऊ योगेशु | 2 | शनिवार, 11/06/2016 - 17:25 |
कविता | ..आयुष्याला मी सौख्याचा बाजार म्हणालो.. | कानडाऊ योगेशु | 10 | गुरुवार, 26/05/2016 - 19:18 |