समीक्षा |
देऊळ |
मेघना भुस्कुटे |
समीक्षा |
दुर्गाबाई : एक शोध ( माहितीपट कि भयपट ? ) |
उसंत सखू |
समीक्षा |
दि काश्मीर फाईल्स - अस्वस्थ करणारा अनुभव |
स्वयंभू |
समीक्षा |
दि अल्टिमेट गिफ्ट |
प्रभाकर नानावटी |
समीक्षा |
दारिद्र्य: भाषेचे आणि भाषिक समाजाचे |
माचीवरला बुधा |
समीक्षा |
दहर में नक़्शे-वफ़ा, वजहे-तसल्ली न हुआ - ग़ालीब |
जयंत कुलकर्णी |
समीक्षा |
द लास्ट अॅक्ट |
निखिल देशपांडे |
समीक्षा |
द लंचबॉक्स . |
अंतराआनंद |
समीक्षा |
द एज्युकेशन ऑफ यूरी |
सई केसकर |
समीक्षा |
थोडा सा बादल... थोडा सा पानी... और एक कहानी... |
संदेश कुडतरकर |
समीक्षा |
ते विश्वच निराळ |
दाह |
समीक्षा |
तीन सिरीज |
नील |
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तिळा तिळा दार उघड.... |
चित्रा राजेन्द्... |
समीक्षा |
तिरंगा |
फारएण्ड |
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तिढ्याचा काळ आणि नाटक |
Ashutosh |
समीक्षा |
तांडव |
जुई |
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तरीही मुरारी देईल का? |
आदूबाळ |
समीक्षा |
तत्वमसि |
अहम्_लिखामि |
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तक्षकयाग : एक सुरेख नाटक. |
मनोज |
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ढढ्ढाशास्त्री परान्ने: आधुनिकतेचे खाली डोके वर पाय |
चार्वी |
समीक्षा |
डॉन ऑफ जस्टीस - नेमकं खटकतंय काय? |
दाह |
समीक्षा |
डॉक्टर झिवागो |
सतीश राव |
समीक्षा |
डिटेक्टीव्ह व्योमकेश बक्षी – संदर्भासहित स्पष्टीकरण करा ! |
ए ए वाघमारे |
समीक्षा |
डंकर्क- युद्धभूमीवर ! |
कुलस्य |
समीक्षा |
टेस्ट मेकर्स - मयूख सेन |
सई केसकर |