कविता |
समजा प्राइम नंबर केसांसारखे आहेत |
तोतया |
कविता |
कृपादृष्टी |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
(विविधरूपे एक जीव) |
अनामिक |
कविता |
बोल |
अनंत ढवळे_ |
कविता |
तो नुसता ह्ंसायचा |
तिरशिंगराव |
कविता |
हे कविते , |
विदेश |
कविता |
पुतळेच पुतळे |
स्वयंभू |
कविता |
"ब्रह्मांडाचे प्रचंड पिठले" |
मिलिन्द |
कविता |
" प्राप्त त्या दिनाला"/ Ode I-XI : “Carpe Diem”: Horace |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
'कविता' म्हणजे काय वेगळे |
विदेश |
कविता |
रात्रीला पंख फुटले |
khilaji |
कविता |
मीरा |
शान्तादुर्गा |
कविता |
स्वगत |
शान्तादुर्गा |
कविता |
Candy Crush Saga... |
चित्रा राजेन्द्... |
कविता |
सर आले दुरुनी (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
आवाज |
शिवोऽहम् |
कविता |
अंबरात फिरुनिया उगवतो |
सांजसंध्या |
कविता |
"मैफिलीच्या पुढच्या रांगात" |
मिलिन्द |
कविता |
पडसाद |
शिवोऽहम् |
कविता |
सोनसाखळी |
मारवा |
कविता |
आत्माष्टक/ निर्वाणाष्टक (आदि शंकराचार्यांचे नव्हे तर एका सामान्य मुलीचे) |
.शुचि. |
कविता |
गोंधळ |
तोतया |
कविता |
तुटलेल्या मैत्रीणीस :२ |
हरवलेल्या जहाजा... |
कविता |
अजून एक नकार मोहोरला |
khilaji |
कविता |
विडंबन : त्याला पाऊस आवडत नाही , तिला पाऊस आवडतो……. (गारवा) |
तुषार |