काव्य
प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | शेवटचा प्रतिसाद |
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कविता | शांत सागरी कशास .............तीन वर्षांनंतर | एक मराठी असामी | 6 | शुक्रवार, 20/01/2023 - 20:59 |
कविता | मार्कर | ए ए वाघमारे | 2 | मंगळवार, 07/06/2016 - 23:35 |
कविता | छत्री दुरूस्तीला टाकली पाहिजे (३/३) | ऋषिकेश | 27 | शुक्रवार, 22/05/2020 - 00:51 |
कविता | नॉस्टॅल्जिआ | ऋषिकेश | 47 | शुक्रवार, 24/04/2015 - 18:49 |
कविता | मोकळा तर झालो!! | ऋषिकेश | 11 | सोमवार, 14/11/2011 - 04:05 |
कविता | (चला ऑफीस आले आता...) | ऋषिकेश | 13 | गुरुवार, 11/09/2014 - 18:27 |
कविता | घाबरगुंडी | ऋषिकेश | 16 | गुरुवार, 05/06/2014 - 08:31 |
कविता | ती नसताना मी जगतच कसा होतो? | ऋषिकेश | 6 | मंगळवार, 14/05/2013 - 17:11 |
कविता | सायकलींचे मौन | ऋता | 15 | शुक्रवार, 09/11/2012 - 01:48 |
कविता | अजाणताच | ऋता | 6 | गुरुवार, 11/09/2014 - 04:21 |
कविता | चारोळी - उपाय | उल्का | 6 | सोमवार, 22/02/2016 - 22:47 |
कविता | सारे काही कठीण आहे | उल्का | 1 | बुधवार, 10/02/2016 - 00:38 |
कविता | पु . ल . तुमच्यासाठी! | उल्का | 143 | रविवार, 24/04/2016 - 21:58 |
कविता | कवीची कविता | उल्का | शनिवार, 19/03/2016 - 17:30 | |
कविता | “उभारू आपण गुढी!” | उल्का | सोमवार, 28/03/2016 - 15:14 | |
कविता | निरागस सत्य | उल्का | 2 | मंगळवार, 23/02/2016 - 00:24 |
कविता | जालवाणी | उत्पल | 9 | रविवार, 19/02/2012 - 18:03 |
कविता | झाडाझडती | उत्पल | 7 | बुधवार, 14/12/2011 - 17:46 |
कविता | माइंड द मॅटर | उत्पल | बुधवार, 14/03/2012 - 09:59 | |
कविता | पल्प फिक्शन | उत्पल | 17 | रविवार, 18/03/2012 - 09:54 |
कविता | बुद्धी | उत्पल | 8 | मंगळवार, 06/12/2011 - 11:46 |
कविता | खडक | ईप्सित | 6 | सोमवार, 26/03/2012 - 04:05 |
कविता | स्वागतासाठी तुझ्या, मरणा पुन्हा आलोच आहे... | इरसाल म्हमईकर | 6 | मंगळवार, 23/08/2016 - 07:44 |
कविता | पाठ फिरता बोलती तो पोर आहे | इरसाल म्हमईकर | 13 | बुधवार, 15/04/2015 - 12:40 |
कविता | सात .... ! | इरसाल म्हमईकर | 3 | सोमवार, 22/12/2014 - 20:40 |