कविता |
नावरहीत कविता |
अवंती |
कविता |
मी सुद्धा तसा संतप्तच! |
मिलिन्द |
कविता |
जेव्हा माझ्या कर्जांना (एका बँकरचे गार्हाणे) - विडंबन |
जोशीबुवा |
कविता |
मांजर-कुत्र्यांच्या/गप्पा शिळोप्याच्या |
मिलिन्द |
कविता |
"अमेरिकन पार्टी मध्ये भारतीय बाला" |
मिलिन्द |
कविता |
चेहऱ्यामागचं रूदन |
अवंती |
कविता |
रात्र - फसवी रात्र आणि कळंबोली नाका |
मिलिन्द |
कविता |
..आयुष्याला मी सौख्याचा बाजार म्हणालो.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
हवा-आणि-सागर-प्रदूषणा विषयी अमेरिकेचा पवित्रा |
मिलिन्द |
कविता |
एक्स्पर्ट केसाळ मनगट! |
मिलिन्द |
कविता |
"तातू, डुकऱ्या आणि बकबक" |
मिलिन्द |
कविता |
..कुणी दार माझे ठोठावले.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
खूप माज वाढलाय ! |
योगेश विद्यासागर |
कविता |
इंद्रधनुष्य |
सुशेगाद |
कविता |
वेळ... |
श्वेता |
कविता |
वात्रटिका - झिंगाट प्रेम |
विवेक पटाईत |
कविता |
..तुझे टाळतो मी अताशा शहर.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
मार्कर |
ए ए वाघमारे |
कविता |
ग्रेसचे विडंबन नंबर १: "तू खाजव भडव्या डोके" |
मिलिन्द |
कविता |
ग्रेसचे विडंबन नंबर २: "आले ढेकूण ढेकूण" |
मिलिन्द |
कविता |
ग्रेसचे विडंबन नंबर 3: "आली स्वप्नात ऐश्वर्या" |
मिलिन्द |
कविता |
"ला इलाहा इल्लिल्ला" |
मिलिन्द |
कविता |
पानगळ |
मिलिन्द |
कविता |
तो नुसता ह्ंसायचा |
तिरशिंगराव |
कविता |
कामगार |
मिलिन्द |