कविता |
"तिच्याबरोबर, पुन्हा एकदा!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"प्रिये लेस्बियने" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
साम्राज्याचे येणे |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"संदीप खरे कवी साला , मनामध्ये डाचतो आहे!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
" घराण्याची राणी " |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"तेंव्हा कोठे कविसंमेलने कमी झाली!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"पतीच्च समुप्पाद" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"शहार " |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
कौतुक कशासाठी? |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"नौकानयनातील प्रगती" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
एक डेट |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"वाग्युद्ध" (विंदांची क्षमा मागून!) |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"फिकट सूर्य आणि आंबा खाणारी बाई" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
गद्या राधा |
मुग्धा कर्णिक |
कविता |
बॉब डिलानच्या तीन कवितांचा अनुवाद |
मुग्धा कर्णिक |
कविता |
राधा भिडते |
मुग्धा कर्णिक |
कविता |
राधाकवितात्रयी |
मुग्धा कर्णिक |
कविता |
राधा... का पुन्हा पुन्हा |
मुग्धा कर्णिक |
कविता |
छत्रीखालचं बालपण |
मुळापासून |
कविता |
भाषांतराचे प्रयोग |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
जुन्या कविता |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
समोर हिरवंगार जंगल |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
ट्रॅफीक |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
टू मिसेस वाल्या कोळी |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
दोन प्रेमकविता |
मेघना भुस्कुटे |