कविता |
"पतीच्च समुप्पाद" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"वाग्युद्ध" (विंदांची क्षमा मागून!) |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
कृपादृष्टी |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"ॐ श्री शतायुषी स्तोत्र" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
मशिनार्पणम अस्तु! |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"असं वाटायचं" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"संदीप खरे कवी साला , मनामध्ये डाचतो आहे!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
पुण्याची मुंबई आता झाली की राव! |
निमिष सोनार |
कविता |
:संपूर्ण दीप्ती: |
सर्व_संचारी |
कविता |
घननीळ वाजवी बासरी |
anant_yaatree |
कविता |
कल्लोळती रंगरेषा |
anant_yaatree |
कविता |
तहान...(मुक्तक) |
अतृप्त आत्मा |
कविता |
तिरस्कार... |
लक्ष्मिकांत |
कविता |
तुकडे |
नीधप |
कविता |
"फिकट सूर्य आणि आंबा खाणारी बाई" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
एका मोर्चेकऱ्याचा शाप |
जोशीबुवा |
कविता |
गारवा - विडंबन |
OBAMA |
कविता |
चिदग्निकुंडसंभूता "गार्गी" (व तिचा बाप, मी !) |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"'झुका" म्हणे माठ्या " |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"तेंव्हा कोठे कविसंमेलने कमी झाली!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
तरुणाई |
जयंत नाईक. |
कविता |
घुंगरू |
जयंत नाईक. |
कविता |
चल पुन्हा तळ्याच्या काठी |
anant_yaatree |
कविता |
बाकी इतिहास |
anant_yaatree |
कविता |
चला न कॉम्रेड |
जोशीबुवा |