काव्य
प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद |
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कविता | आजकालचे सौंदर्य डोळ्यात मावत नाही | khilaji | 2 | शुक्रवार, 12/10/2018 - 13:52 |
कविता | गूज | शिवोऽहम् | 2 | शुक्रवार, 12/10/2018 - 09:36 |
कविता | (वाईट) साईट-सीईंग | शिवोऽहम् | 2 | शुक्रवार, 12/10/2018 - 02:13 |
कविता | माझ्यासारखं प्रेम कुणी केलंच नाही | khilaji | गुरुवार, 11/10/2018 - 16:38 | |
कविता | बळीराज किंकर अख्नंडीत माझे | khilaji | 8 | गुरुवार, 11/10/2018 - 16:30 |
कविता | माळढोक पर्वाचा अंत झाला | khilaji | 17 | बुधवार, 10/10/2018 - 18:25 |
कविता | सुंदरी चिचुंद्री निघाली | khilaji | 12 | सोमवार, 08/10/2018 - 15:51 |
कविता | दुर्दम्य | शिवोऽहम् | 1 | सोमवार, 08/10/2018 - 12:18 |
कविता | एवढंच करा. | अंतराआनंद | 3 | रविवार, 07/10/2018 - 23:16 |
कविता | पिंपळ | शिवोऽहम् | 5 | रविवार, 07/10/2018 - 17:43 |
कविता | छद्मपिपासा | शिवोऽहम् | शनिवार, 06/10/2018 - 10:57 | |
कविता | तृष्णा | शिवोऽहम् | शनिवार, 06/10/2018 - 06:06 | |
कविता | तप | शिवोऽहम् | शुक्रवार, 05/10/2018 - 22:26 | |
कविता | मारवा | शिवोऽहम् | 2 | गुरुवार, 04/10/2018 - 02:29 |
कविता | निष्ठुर कली मन अन कीर्तन मायेचे | khilaji | 2 | बुधवार, 03/10/2018 - 14:54 |
कविता | ती पण आता पुसट वाटू लागलीय | khilaji | सोमवार, 01/10/2018 - 13:20 | |
कविता | अपेक्षित... | आकाश होगाडे | 2 | रविवार, 30/09/2018 - 11:01 |
कविता | च्या मारी लय भारी , आपली लव्हस्टोरी एकदम न्यारी | khilaji | गुरुवार, 27/09/2018 - 13:48 | |
कविता | शहराकडून "बा" चा फून आला | khilaji | गुरुवार, 27/09/2018 - 13:41 | |
कविता | जोर काढुनी पोर काढलं , काट्यावरचं बोर निघालं | khilaji | 2 | गुरुवार, 27/09/2018 - 13:37 |
कविता | एक वेळ अशी येते कि | khilaji | बुधवार, 26/09/2018 - 18:40 | |
कविता | मीच आहे तो,,, अनभिषिक्त सम्राट | khilaji | सोमवार, 24/09/2018 - 13:36 | |
कविता | वळूनी मागे मी बघता , शल्य बोचते मनाला | khilaji | 2 | सोमवार, 24/09/2018 - 13:18 |
कविता | नकळत | anant_yaatree | 3 | रविवार, 23/09/2018 - 22:27 |
कविता | || "ऐसी" हुच्चभ्रूंची लक्षणे || | anant_yaatree | 15 | रविवार, 23/09/2018 - 22:01 |