कविता |
तहान...(मुक्तक) |
अतृप्त आत्मा |
कविता |
घननीळ वाजवी बासरी |
anant_yaatree |
कविता |
कातरवेळ |
स्व |
कविता |
:संपूर्ण दीप्ती: |
सर्व_संचारी |
कविता |
"संदीप खरे कवी साला , मनामध्ये डाचतो आहे!" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
पुण्याची मुंबई आता झाली की राव! |
निमिष सोनार |
कविता |
|| अवतार शंकरमहाराज || |
पाषाणभेद |
कविता |
डाळिंब-हृदय |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"असं वाटायचं" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"ॐ श्री शतायुषी स्तोत्र" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
" प्राप्त त्या दिनाला"/ Ode I-XI : “Carpe Diem”: Horace |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"मूक-बधिरांचे गाणे" ((भाषांतरित)) |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
कौतुक कशासाठी? |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
कृपादृष्टी |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"पतीच्च समुप्पाद" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
मशिनार्पणम अस्तु! |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
"वाग्युद्ध" (विंदांची क्षमा मागून!) |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
“Song of the Immigrant Indian” |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
प्रदूषण- पाऊस (१) - भूत आणि वर्तमान |
विवेक पटाईत |
कविता |
"प्रिये लेस्बियने" |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
संध्यात्रस्त पुरुषांची भक्षणे |
मिलिन्द् पद्की |
कविता |
'गुडूप अंधार' |
सर्व_संचारी |
कविता |
रमलखुणांची भाषा |
anant_yaatree |
कविता |
एका अनावर कैफात |
anant_yaatree |
कविता |
"वाट बघ आता" |
मिलिन्द् पद्की |