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एक -प्रेक्षणीय- पहेली लीला |
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चित्रगुप्त |
समीक्षा |
कोर्ट |
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सव्यसाची |
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Half girlfriend अर्थात अर्धी प्रेयसी |
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गीतम |
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कोर्ट- एक समंजस चित्रभाषा. |
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अंतराआनंद |
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पुस्तक परिचय : हसरी किडनी अर्थात ‘अठरा अक्षौहिणी’ |
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अश्विनि |
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पिकू! - असंच आपलं एक मत. |
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अस्वल |
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उद्धव शेळके, "धग" |
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रोचना |
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बंगाली चित्रपट परीक्षण - 'आशा जावार माझे' |
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सव्यसाची |
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किल्ला: आहे मनोहर तरी........ |
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ए ए वाघमारे |
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रिकामी घंटा, लोलक गायब |
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तिरशिंगराव |
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गुरुदत्त - तीन अंकी शोकांतिका : अरुण खोपकर |
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चिंतातुर जंतू |
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सरदारी बेगम - एक संगीतिक सुन्न अनुभव |
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मनोज२८ |
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आत्मचरित्रांत न सापडणार्या रिअल लाईफ-स्टोरीज...सोशल डायरी - सई तांबे |
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चित्रा राजेन्द्... |
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मसान: एक आधुनिक शोकात्मिका |
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ए ए वाघमारे |
समीक्षा |
उमेश कुलकर्णीचा 'हायवे' - बहुस्तर हा घाट |
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चिंतातुर जंतू |
समीक्षा |
जगायचीही सक्ती आहे.... |
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प्रकाश घाटपांडे |
समीक्षा |
" Silence used to grow around him....." |
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मारवा |
समीक्षा |
अगं बाई अरेच्चा २ अर्थात एक सुण्दर चीत्रपट |
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अस्वल |
समीक्षा |
रॉकस्टार : फिर से उड चला |
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अस्वल |
समीक्षा |
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हेमंत लाटकर |
समीक्षा |
ज्ञानेश्वरी- भाग-२- चंद्रबिंब झरतसे हिमार्त माळरानी या ! |
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मारवा |
समीक्षा |
"शोध": खूपसं कौतुक आणि मोजक्या तक्रारी |
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आदूबाळ |
समीक्षा |
ऋणानुबंधाच्या गाठी ..... |
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समीर गायकवाड |
समीक्षा |
मुंबई अव्हेंजर्स - एक फसलेला प्रयत्न |
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चौकस |
समीक्षा |
वाडा चिरेबंदी- गॉन विथ द विंड ??? |
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ए ए वाघमारे |
समीक्षा |
मुक्काम: आर्मी पोस्ट ऑफिस - एक ललित लेखसंग्रह |
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चौकस |
समीक्षा |
"इमर्जन्सी - अ पर्सनल हिस्टरी" - खिळवून ठेवणारे पुस्तक |
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चौकस |
समीक्षा |
'राब' - मराठी साहित्यातील एक उपेक्षित मानदंड |
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चौकस |
समीक्षा |
ते विश्वच निराळ |
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दाह |
समीक्षा |
यंदा (तरी) ऑस्कर्तव्य आहे ? |
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दाह |
समीक्षा |
कामगार चळवळीचा अग्निबिंदू - मुंबईतला ऐतिहासिक संप आणि डॉक्टर दत्ता सामंत.. |
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समीर गायकवाड |
समीक्षा |
इंटिमेट डेथ- आयुष्याचा सांगाती |
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गौरी दाभोळकर |
समीक्षा |
"अर्थशून्य शेरांचे अर्थ": गालिब व त्याचे भाष्यकार (अनुवादित) |
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मिलिंद |
समीक्षा |
फ्रिडा काहलो : वेदनेतून बहरलेली चित्रकार |
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कनक |
समीक्षा |
डॉन ऑफ जस्टीस - नेमकं खटकतंय काय? |
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दाह |
समीक्षा |
'स्टोलन किसेस' आणि मनातली ठसठस |
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३_१४ विक्षिप्त अदिती |
समीक्षा |
‘खिडक्या अर्ध्या उघड्या’ --- कथामालिका की चित्रपट? |
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चित्रा राजेन्द्... |
समीक्षा |
सर आणि मी |
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जेडी |
समीक्षा |
श्रीविठ्ठलः एक महासमन्वय |
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चार्वी |
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मी हिजडा.... मी लक्ष्मी |
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जेडी |
समीक्षा |
जीएंना आयुष्यभर सलत असलेल्या दोन गोष्टी: ते ना कवी होऊ शकले, ना चित्रकार... |
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अनिरुद्ध गोपाळ ... |
समीक्षा |
'काजळमाया' आणि हेन्री डेव्हिड थोरोंचे माझे आयुष्य बदलवणारे वाक्य |
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अनिरुद्ध गोपाळ ... |
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धुक्यातून लाल ताऱ्याकडे |
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ppkya |
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खाऊजा ची २५ वर्षे आणि पठारेंची स्वगते |
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ppkya |
समीक्षा |
'डाऊनटन ॲबी' : स्मरणरंजनी कळा |
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३_१४ विक्षिप्त अदिती |
समीक्षा |
लख्ख प्रकाश निर्मळ... |
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सुश्रुत |
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लस्ट फ़ॉर लालबाग - १९८२ च्या संपाचा इतिहास |
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गौरी दाभोळकर |
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दोन स्पेशल-नक्कीच स्पेशल! |
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ppkya |
समीक्षा |
Syriaतले घर थकलेले... संन्यासी |
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फूलनामशिरोमणी |
समीक्षा |
मोहोन्जो- दारो: एक हुकलेली संधी (स्पॉयलर अलर्ट: हाय!!!) |
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ए ए वाघमारे |