कविता |
२० वर्षानंतरच्या मला |
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वामा१००-वाचनमात... |
कविता |
सात .... ! |
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इरसाल म्हमईकर |
कविता |
कैच्याकै कविता .... |
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इरसाल म्हमईकर |
कविता |
की जिथे असतील परके तेवढे परिवार झाले... |
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इरसाल म्हमईकर |
कविता |
ओळखा पाहू ? |
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विवेक पटाईत |
कविता |
पाठ फिरता बोलती तो पोर आहे |
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इरसाल म्हमईकर |
कविता |
गोंधळ |
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तोतया |
कविता |
संवाद |
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तोतया |
कविता |
कविता |
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तोतया |
कविता |
धर्म कसा बुडवावा |
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रमताराम |
कविता |
माझी कविता कुणीतरी असावे |
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प्रायमा |
कविता |
कुणीतरी सोबत असावं आपल |
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प्रायमा |
कविता |
माझी कविता कुणीतरी असावे |
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प्रायमा |
कविता |
कोल्हे वाण्याला कोकणी सल्ला |
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धनंजय |
कविता |
सत्तरीचे गणितज्ञ |
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धनंजय |
कविता |
म्हातारी ग मैना |
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विवेक पटाईत |
कविता |
इलेक्शनी- चारोळ्या |
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विवेक पटाईत |
कविता |
समजा प्राइम नंबर केसांसारखे आहेत |
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तोतया |
कविता |
तिला पाहण्याचा लळा लागला |
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मिलिंद |
कविता |
विडंबन : त्याला पाऊस आवडत नाही , तिला पाऊस आवडतो……. (गारवा) |
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तुषार |
कविता |
मी आणि ती |
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सायली |
कविता |
१४ फरवरी (प्रेम दिन) - दोन क्षणिका |
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विवेक पटाईत |
कविता |
पीप शो |
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तोतया |
कविता |
प्रेम |
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परी |
कविता |
पुन्हा विचार करतांना |
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तोतया |
कविता |
प्रेमाचे हाय कू (?) |
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विवेक पटाईत |
कविता |
रमा |
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वृन्दा |
कविता |
अनेस्थेशिया |
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सायली |
कविता |
तुकाराम होणे |
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देवदत्त परुळेकर |
कविता |
मोठी |
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सायली |
कविता |
सातत्य |
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तोतया |
कविता |
अतर्क्य |
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सुशेगाद |
कविता |
इंप्रेशन |
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तोतया |
कविता |
दोन वात्रटिका (मार्च १५) |
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विवेक पटाईत |
कविता |
रसज्ञ नरभक्षक |
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देवदत्त परुळेकर |
कविता |
स्मशान शांततेची शिकवण |
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देवदत्त परुळेकर |
कविता |
एक कोडे: मोरी आणि स्वयंपाकघर |
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तोतया |
कविता |
आले! |
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फूलनामशिरोमणी |
कविता |
संस्था |
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तोतया |
कविता |
शान (कविता) |
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प्रा.दिपकसाहेबर... |
कविता |
जमाव |
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तोतया |
कविता |
नाशिक |
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मनोज गीत |
कविता |
काळ काम आणि वेग |
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अस्वल |
कविता |
मोरोपंतांची १०८ रामायणे. |
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अरविंद कोल्हटकर |
कविता |
पहारेकरी |
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तोतया |
कविता |
आज मी आहे |
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Rajvardhan |
कविता |
असा मी तसा मी |
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Rajvardhan |
कविता |
असा मी तसा मी |
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Rajvardhan |
कविता |
माझा स्वभाव |
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Rajvardhan |
कविता |
कर्म माणसाचे, दोष "कर्त्याला"!! |
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निमिष सोनार |