कविता |
वीकांताचे बंड |
मिलिन्द |
कविता |
....तेव्हा तू मला फार फार आवडतेस....प्रवास ५ |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
..किती लौकरच आज उजाडलं बाई.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
"नक्षत्रांचे देणे/ सदाचेच उणे " |
मिलिन्द |
कविता |
आता ते घाबरतात |
अवंती |
कविता |
तीन मसाला डोसे |
मिलिन्द |
कविता |
कृष्ण-राधा |
.शुचि. |
कविता |
"विजय असो , विजय असो !" |
मिलिन्द |
कविता |
व्यवस्था |
मिलिन्द |
कविता |
बोका : एक धुणे! |
मिलिन्द |
कविता |
"व्हाम्पायरचा बाप" |
मिलिन्द |
कविता |
"झिझेक-ग्रस्त बदकाची कैफियत" |
मिलिन्द |
कविता |
..कोणी कसाब झाले,कोणी कलाम झाले.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
"नवे, जखमी , आधुनिकोत्तर" |
मिलिन्द |
कविता |
....विश्वाची उलगड होते..... |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
इराक |
मिलिन्द |
कविता |
..थांबले ट्राफीक आता... |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
श्यामसुंदर मुळे सरांचा शब्द-मेध यज्ञ |
मिलिन्द |
कविता |
..विचारेन त्यालाच कॉफी चहा.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
..तेव्हा मला तू फार फार आवडतेस..प्रवास ४ |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
डायल |
राजन बापट |
कविता |
ल्युसिल क्लिफ्टन यांच्या २ कविता |
वामा१००-वाचनमात... |
कविता |
"जेसन आणि बेडूक" |
मिलिन्द |
कविता |
..तुला पाहण्याचा मला छंद राणी.. |
कानडाऊ योगेशु |
कविता |
सद्यस्थिति? |
मिलिन्द |